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शनिवार, 30 जुलाई 2022

देवांगन जाति के गोत्र के नाम

देवांगन जाति के गोत्र के नाम


निम्नांकित गोत्र हमारे देवांगन समाज मुख्य अंश तथा शादी ब्याह का आदान–प्रदान किया जाता है
1. लेंजवार 
2. कुमज 
3. बाराबुधिया
4. हडा़हू
5. धकेता
6. सोनपरेता / कुकुरपरेता / परेता
7. भेलवा
8. तरार
9. खटकी
10. लिमजा
11. बांगडा़ / बांगर
12. नेवरा
13. बांकुरा
14. कोसरिया / सोनकोसरिया
15. गरकट्टा
16. राजापूज्या
17. निखार
18. ज्ञानकोहरी
19. नन्दनवार / नन्हेवार
20. रेहकवार / रेड़कू
21. गोषा / गोखा
22. बुर्रा / गुर्रा
23. नारायणवंशी
24. नागवंशी / नागरवंशी
25. दुर्गवंशी
26. गुरुवंशी / रघुवंशी
27. पदुमवंशी
28. रुद्रवंशी
29. शुकरवंशी
30. सूर्यवंशी
31. देववंशी
32. वशिष्ठ
33. विश्वामित्र
34. शार्दुल / सांडिल
35. कश्यप
36. गर्ग
37. गौतम
38. देवराज
39. मेघराज
40. गजराज
41. धर्मराज
42. सोनभद्रा
43. सोरता
44. सिंघनी / सिंहनी
45. सिंह
46. सियार
47. सोनयानी / सोनवानी
48. हनुमानवंश
49. कोदरिया
50. कुम्भज
51. कौशिक
52. वाचबंधु
53. अश्विनी कुमार
54. बोकरिया
55. बेसियार
56. बांधा / बाघा / बाधिन
57. ध्रुवे
58. कुंहार / कुंभज / कोहार
59. भुसा
60. यवार / पवारउपगोत्र –

इन 60 गोत्रों के अलावा ये 10 गोत्र है जो *देव के गोत्र-* में है जो गोत्रों का भी उल्लेख देवांगन पुराण में है। वे हैं *------*
 -* नागवंशी , बसेरा, कुकुरपरेता, नककट्रटा, बाघसवारी, नन्हेवार, कुल्हाड़ा, साहकार, सदाफल, बघेल, *
             
*देवांगन जाति के कुछ गोत्रों के समूह को देवगोत्र कहते हैं। ये हैं ------–*
1 बाराबुधिया– ज्ञानकोतरी –नेवरा
2 भेलवा – खटकी – बांगड़ा
3 नारायणवंशी – पदुमवंशी
4 राजापूज्या – बोकरिया
5 लेंजवार – धकेता
6 तरार – हड़ाहू
7 लिमजा – गरकट्टा – नककट्टा
8 बांकुरा – पवार – सोनवानी
9 कोसरिया – सोनकोसरिया – सोनभद्रा
10 सिंह – शार्दूल्य
11 सोरता – कोहार
12 परेता– सोनपरेता – कुकुरपरेता
*इनमे आपस में वैवाहिक संबंध नहीं होते हैं।*

रविवार, 24 जुलाई 2022

घट आय के चरण (स्तुति)


आसन के दिन घट आय के चरण ( स्तुति)

देवांगन समाज में जब किसी के घर में माता परमेश्वरी के पीढ़ी पूजा जैसे  खेवा या परीम होता है तो आसन ( दर्शन) के दिन आसन पड़ता हैं उसी समय जब बड़े सुवासिन कारी घैला लेकर सर्वर पानी लाने जाता है और पानी लेकर वापस घर पहुंचता है लो उसी समय सेउक बरूवा द्वारा माता जी की यह स्तुति गाई जाती है।


१.कारी घयला दिया कुसुम रंग साड़ी मैया,मैया सोई गये कालीरातीरानी ओ।सरवर पनियां तैं गये वो कालीरातीरानी कि बरत है सुरूज कै जोत ओ, पलना हवाले मैया बारा जो बंधानी कि चार पहर सारी राती वो।

फूल के चरण (स्तुति)


फूल के चरण (स्तुति)

१.अस्सी कोसन ले मैया तोर फूलवरिया,मैया लगे जसमन के फूल ओ, फूल के सेजरिया में पौढ़े कालीरातरानी कि बरथै सुरूज के जोत ओ,पलना हवाले माय के बरजो बंधानी कि चार पहर सारी राती वो।


परसुराम गुरू देवता के चरण (स्तुति)


परसुराम गुरू देवता के चरण (स्तुति)

१.भंवरा पलंग गुरू रसिले अउ बसिले,बाबा जो जो गुरू परसराम ओ।जो जो रे बारो माता अल्लारी के पुत्र ओ।थन दे तैं थन दे माता अल्लारी जैसे कमल के फूल ।।

भूतनाथ देवता के चरण(स्तुति)


भूतनाथ देवता के चरण (स्तुति)

भूत भूत्ता के मय भानस आयों, मैया कौन देवा के भूत भूत्ता वो,हाथ कढ़ैया माथे खोपा२,रानी मंकार के भूत भूत्ता वो, भूत भूत्ता के मय भानस आयों।

मसमखां देंवता के चरण(स्तुति)

मसमखां के चरण(स्तुति)


१.जैत खाम तै चढ़े गा मसनिया,बाबा सबर भरिले बोरगा,अपन राहुर ले भुजंग कहते हैं कि चौंसठ जोगिनी के कुंवर गा।पांव मेढ़ासुर कानेन में कुंडल,बाबा खरग सोहै दोनों हाथ।।

२.निली निली चोलना तैं कसे वो मसनियां, मैया निली माथ के पागा वो।निली बछुरिया के पाकर धोये कि छबी है रानी मंकार वो।एक हाथ मैया जोग डंडा, मैया गर भर चंपा माला वो।

देवांगन जाति,लेंझवार गोत्र के देंवता

 लेंझवार गोत्र के कुलपूज देवता के नाम....

1.लुल्ला दंतार

2.देव दंतार

3.जादूगीर

4.आड़बीर

राजा के देवता के नाम

 राजा के देवता के नाम

1.अक्षराज

2.बछराज

3.नागिन पद्यमोहिनी


माता के मान के देंवता

 


देवांगन जाति,कोई गोत्र हो,जिसके घर माता का मान हो उसका निम्नलिखित 3 देवता होते हैं,

1.आद्यमाय



2.लाल लंगुरूवा


3.कंकालिन

कोसरिया,सोनकोसरिया गोत्र के कुलपूज देवता....

 देवांगन जाति,सोनकोसरिया, कोसरिया,गोत्र के कुलपूज देंवता के नाम


कोसरिया गोत्र के 4 कुलपूज देवता होते हैं जिसका नाम निम्नलिखित है.......


१.राजा भोज

२.अनमुरारी

३.हनुमान

४.चौसठ जोगिनी

शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

मां परमेश्वरी के खेवा,परीम कार्यक्रम के संजहा के सेवा गाना

परमेश्वरी के संजहा के सेवा

नाना नाना नाना मैया,नाना नाना नाना वो।
सेवा वो सेवदान मैया,बिनती एक अव दाना वो।
बिनती एक अव दाना मैया२,जन्म लिए कालीराती...
सेवा वो सेवदान माय , बिनती एक अव दाना।
पंइया तोर पदुम है मैंय्या,मुख है कंवला वो।
नई जानो तोर आदि उतपन,नई जानो तोर सेवा वो।
सेवा ला कराहो सेउक राहा था बताओ वो।
भुल है वो भुल है मैया,भुल्ली के चुका संवासा वो।
रंगा तोर महल ले ले कनही, डाहक डमरू बाजै वो।
डाहक डमरू बाजै मैया, कुलदीप दिवना बारे वो।
कुलदीप दिवना बारे मैया,दीवना के पैंया लागय वो।
दीवना के पैंया लागय मैया,परबन बांस उड़ै वो।
गुरे वो धुपेन के मैया, परबन बास उड़ै बो।
दौना वो मड़ौना फूलवा के, परबन बांस उड़ै वो।
पाने वो जसमन फूलवा के, परबन बास उड़ै वो।
परबन बास उड़ै मैया,इंद्र बास न जावय वो।
बड़े संजहा के बेरा में बरजू, आगी अंधना करय वो।
आगी अंधना ला करके बरजु,मांग संवारय वो।
मांगे संवारके बरजू,भीतरी समावय वो।
धाने वो मकोइया के बरजू,भानस पकावय वो।
हरी वो मुंगेन के बरजू,दालन बनावय वो।
भाजी वो भाटा के बरजू,सलना बनावय वो।
लावा वो तितुर के बरजू,सलना बनावय वो।
भूरी भैंस के दूध के बरजू,खोवा भल औंटावय वो।
अत्तीस सालन बत्तीस भोजन,भोजन पकावय वो।
झारी वो लोटा में बरजू,पानी भल निकालय वो।
अपन ससुर ला बरजु, जेये बर बुलावय वो।
अपन सास ला बरजू,जेये बर बुलावय वो।
अपन पति ला बरजू, जेये बर बुलावय वो।
चंदन पीढ़ली ल बरजू,बैठक मढ़ावय वो।
कंचन थारी में बरजू, भोजन परोसय वो।
धाने वो मकोइया के बरजू, भोजन परोसय वो।
हरी वो मुंगेन के बरजू, दालना परोसय वो।
भाजी वो भाटा के बरजू, सलना परोसय वो।
लावा वो तितुर के बरजू, सलना परोसय वो।
भूरी वो भैंस के दूध के, खोवा भर परोसय वो।
अत्तीस सालन,बत्तीस भोजन, भोजन परोसय वो।
अपन ससुर ला बरजू, भोजन परोसय वो।
अपन सास ला बरजू, भोजन परोसय वो।
अपन पति ला बरजू, भोजन परोसय वो।
अपन ससुर ला बरजू,धुक-धुक जेवन जेवावय वो।
अपन सास ला बरजू, धुक-धुक जेवन जेवावय वो।
अपन पति ला बरजू, धुक-धुक जेवन जेवावय वो।
अपन ससुर बर बरजू, पलंग बिछावय वो।
पलंग के ऊपर बरजू,सिजरी बिछावय वो।
तेकर ऊपर बरजू,कारी मोर कमरिया वो।
वही वो पलंग में मैया,पहुड़न मल लागय वो।
लग पुरवाही दक्षिण दिशा के,हुरहुर निंदा आवय वो।

               ***समाप्त***

गुरुवार, 21 जुलाई 2022

परमेश्वरी के बैसकी के गाना

 

परमेश्वरी के बैसकी के गाना....


नाना नाना नाना मैया,नाना नाना नाना वो।

सेवा वो सेवदान मैया,बिनती एक अव दाना वो।

बिनती एक अव दाना मैया२,जन्म लिए कालीराती...

सेवा वो सेवदान माय , बिनती एक अव दाना।

पंइया तोर पदुम है मैंय्या,मुख है कंवला वो।

नई जानो तोर आदि उतपन,नई जानो तोर सेवा वो।

सेवा ला कराहो सेउक राहा ला बताओ वो।

भुल है वो भुल है मैया,भुल्ली के चुका संवासा वो।

रंगा तोर महल ले ले कनही, डाहक डमरू बाजै वो।

डाहक डमरू बाजै मैया,परबन बास उड़ै वो।

गुरे वो धुपेन के मैया, परबन बास उड़ै बो।

दौना वो मड़ौना फूलवा के, परबन बांस उड़ै वो।

पाने वो जसमन फूलवा के, परबन बास उड़ै वो।

परबन बास उड़ै मैया,इंद्र बास न जावय वो।

ऊंचे सिंहासन कनही बैठे, नीचे है दरबारा वो।

रंगा वो महल ले कनही,बोलन भल लागै वो।

सखी वो कहाय सुन मोर सात सहेल्लर वो

चल जइबो चल जइबो सखी,इंद्रो के दरबारा वो।

अपन सिंगार तुम पहिरव सखी,अपन सिंगार हम पहिरन वो।

सोलह वो सिंगार पहिरय ,बारा वो लंकारा वो।

सोनेन के सिंगार पहिरे,बाबा इंद का कैना वो।

रूपेन के सिंगार पहिरे,सात सहेल्लर वो।

रंगा वो महल ले कनही, रेंगन भल लागय वो।

सखी चार आगु रेंगय,सखी चार पाछु वो।

मांझे वो मंझोलन रेंगय,बाबा इंद का कयना वो।

इंदरू के दरबार के मैया,धरे हैं डहारा वो।

इंद्राराय राजा के मैया,धरे हैं डहारा वो।

अलीन गलीन भर मैया, रेंगन भल लागय वो।

शहरों के लोग वो मैया,देखन भल लागय वो।

कोई काहे मनीजा मैया, कोई काहै देवता वो।

नोहे वो मनीजा मैया,ऐ आवे देवता वो।

पक्की हवेली छोड़ बनिया के, छोड़ै सोनार दुकाना वो।

इंदरो के दरबार में मैया,पहुंचन भल लागय वो।

इंद्राराय राजा के राहुर,जाई पहुंचय वो।

बैठे दरबार राहै, इंद्राराय राजा वो।

मुन्नी वो मनोहर देवता के,बैठे हैं दरबारा वो।

नारायण मंमा के कनही, बैठे हैं दरबारा वो।

राही वो रूखमीन देवता के, बैठे हैं दरबारा वो।

मस्समखां कुंवर देवता के, बैठे हैं दरबारा वो।

भुतनाथ कुंवर देवता के, बैठे हैं दरबारा वो।

सहदेव पंडित देवता के, बैठे हैं दरबारा वो।

तैंतीस कोटि इनकर देवता के, बैठे हैं दरबारा वो।

आवत कनही ला देखे मंमा,उठ के ठाड़ होवय वो।

बांह पकड़ के कनही ला,राहुर में ले जावय वो।

        मनपर सार बैठक दिये कि२,डारे हैं गलीचाआ,बैठौ वो बैठो नोनी आप रंगी कैयना,अरे भई आप रंगीकैयना।

लगे वो गलीचा मैया, बैठन भल लागै वो।

हांसि हांसि बात पुछे, नारायण मंमा वो।

ऐसन स्वरूप वो मैया, कहां भल चली आवव वो।

बैठे गलीचा कनही,उठ के ठाड़ भल होवय वो।

तोर इंद्रासन राज कर बाबा, मैं मृतालोक जावव वो।

काहे वो करन बर मैया,मृतालोक तुम जाथव वो।

मृतालोक में जाहो कनही, का भल तुम करव वो।

मृतालोक के बाबा,आये से फिरियादी वो।

गऊवा वो गोहार के बाबा,मोरन में चले आवय वो।

कोढ़ी रे गोहार के बाबा,मोरन में चले आवय वो।

दुखिया रे गोहार के बाबा,मोरन में चले आवय वो।

बंझुली ये गोहार के बाबा, मोरन में चले आवय वो।

अंधा ये गोहार के बाबा, मोरन में चले आवय वो।

मृतालोक में जाहो बाबा,सागर कोड़ावव वो।

सागर कोड़ाहों बाबा,अम्मा मैं लगाहंव वो।

भूखेन को मैं अन्न देहौं, कोढ़ी के काया बनावव वो।

नंगेन को मैं वस्त्र देहौं,बंझुली को पुत्र देवव वो।

दुखिया के मैं दुःख हारव,अंधा को रास्ता बतावव वो।

निर्धन को मैं धन देहौं,कीर्तन चलावव वो।

मृतालोके में बाबा मोर कीर्तन चलावव वो।

कयना भेस ला छोड़ के मैया,धरे जोगिनी के भेसा वो।

जोगनी भेस ला छोड़ के मैया,धरे कोयली के भेसा वो।

कोयली भेस ला छोड़ के मैया, धरे डोकरी के भेसा वो।

अरन-बरन के करन सकेलय,नागीन बन के छेना वो।

छेना ला बिन-बिन डोकरी,कुढ़ी मढ़ावय वो।

वही कुढ़ी में डोकरी,आगी लगावय वो।

आगी लगावय मैया,भभूत बनावय वो।

भभूत बनावय मैया,अंग में लगावय वो।

सटका टेकत टेकत डोकरी,भिक्षा मांगे ला जावय वो।

दोई-दोई घर छोड़कर डोकरी, एक-एक घर मांगे वो।


समाप्त

धन्यवाद

मां परमेश्वरी के चरन(स्तुति)

 




मां परमेश्वरी के चरण ( स्तुति)


  1. डगर डगर डोकरी के माथे डोलत है मैंय्या डोलत है बत्तीस दांत ओ,डेरा दे डेरा दे मैं समधो बन्धानी कि चार पहर राति रैन ओ,चार पहर रात्रि रैन होत मैंय्या होता बिहान घर जांव ओ।

     

           जा जा ओ जा जा ओ डोकरी मोर घर नइहे डेरा अउ बासा मैया मोर घर दिवरी पतोइया ओ,जा जा डोकरी तै मालिन पारा कि चार पहर राति रैन ओ,चार पहर राति रैन होत बिहान घर जाव ओ।


              दे दे ओ दे दे समधो अरछी अउ परछी,मैया नइ हे ते घोड़ा के घुड़साल ओ,चार पहर रात्रि रैन रहिबो कि मैया होत बिहान घर जांव ओ,एक घड़ी मैया एक पल बेरा मैया दरश दे कंवलापति रानी ओ।






2.बारा बरस होंगे मोंजरा के देखे मैया नई दिखे मोंजरा बरात ओ,छिनिया के आते मोंजरा मोर आगु में कि नजर भर देख लेतेव ओ,गये समय मोंजरा नई मिले बाबा खोजे में नई मिले उधार वो।




3.सोने के सिंहासन तै बैठे कालिका बाबा कुंवर चंवर डोलावे वो,चंवर डोलावत बंहिया थकगे नैन झलके दिन रात वो,दोनों भुजा में कुंवर चंदन खड़ग ले दोनों नैन ढल जाय वो।



4.सेवा करन मैया बिधुन घालवे,मैया मोर सेवा से निझुम राति वो,तोर सेवा मार के दूत पूत जिये कि अमर रहे तोर वाती वो,ऐसे सेवा मार के बाराजो बंधानी मैया चार पहर सारी राती वो।



5.पांव पदुम माय जेठानी बंधानी,मैया नोहसि नोहसि माय जोगिनी वो,इस पर्वत के महामाई वो।एक घड़ी मैया एक पल बेरा मैया दरश दे कंवलापति रानी वो।



6.अरंडा बरंडा के मैया मड़वा छवैले,मैया बांस के बिना डोलावे वो,सहदेव पंडित वेद पढ़ते हैं कि बासुंग के दरबार वो,चले आ वो बहिनी तै करन कुंवारी, बाबा निम्मन होवे तुम्हार वो।


7.चैत मास मैया तेरस दिया,मैया निघमन दिए हैं पायना वो।गंगा जमुना दोई पाट बोहत है कि,कैसे के नाहकौ पार वो,आओ आओ मैं बहिनी महालक्ष्मी मैया मैं हंस कन्या कुंवारी वो।




गुरू परिहार

 



देवकाम,खेवा,परीम(परब),देव स्थापना, स्थानांतर,बैसकी, इत्यादि देवांगन समाज के ईष्ट देवी-देवता संबंधित कार्य करवाने हेतु संपर्क करे.....



गुरू परिहार - श्री जगतराम देवांगन

परिहार - श्री थनेश देवांगन


संपर्क सूत्र - 9340229862

पता - ग्राम धनगांव तहसील छुरिया जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़।




maa parmeshwari baisaki

 माता के बैसकी के कार्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री

1.आसन कपड़ा - 4.5 मीटर ( लट्ठा या हेडलूम वाले सफेद)
2.तेल - 2 लीटर ज्योति प्रज्ज्वलित करने के लिए
3.कपास - 1 पांव
4.रायल धूप - 1पाव
5.कच्चा दूध - 1पांव
6.घीं - 1/2 पांव
7.बंदन - 5₹
8.चंदन - 
9.बीड़ी तंबाकू - 5₹
10.फल - 2 किलो
11. दूध - 5 लीटर /.......


चोंगी के समान

चोंगी मढ़ाने जाने से पहले देवता घर में या जहां देवता रखना हो वहां साफ सफाई,लिपाई,पुताई करके अपने देवता में दीपक जलाकर धुप उड़ाकर उसके बाद अपने सिर में गमछा रखकर अपने ईष्ट देवी मां परमेश्वरी पर श्रद्धा रखकर अपने घर से निकले...

1.रायल धूप - 5₹
2.बीड़ी तंबाकू -2₹
3.दूध /.......-2 पांव


घर में व्यवस्था करना है......

1.ताबा लोटा - 1/2 लीटर पानी रखने लायक
2.पीतल गंजी/ मिट्टी का गगरी
3.बिना गीला के पीड़ा या लकड़ी के पटनी पीढ़ा साइज में
4. कम से कम 2 सुवासिन के लिए सफेद साड़ी ब्लाउज पुराना( पुराना न हो तो नया खरीद कर धुलाई कर पुराना कर लेंवें।) वैसे ही अगुवा पिछुवा पुरूष के लिए भी सफेद पोशाक वह भी पुराना ही लगेगा ।
5.जिसके घर माता का मान हो नीम पत्ता उतार कर रख लेवें
6. दौना पत्ता डंठल सहित उतार कर रख लेवें
7.चुनिया और ज्योति प्रज्ज्वलित करने के लिए रूखी और मलवा ये तीनों पुराना लगेगा( यदि पुराना व्यवस्था न हो तो सेउक परिहार को 2 दिन पहले बता देवें ताकि वे जाया जा सके)


यदि नया स्थापना हो तो...

1. 5 नग काला दिया
2.1 नग हुमा दानी
3. कुंवारी मिट्टी ( भिंभोरा से लाना है) मिट्टी लाने का पूजा सामाग्री 1. नारियल,घीं का दीपक, अगरबत्ती,कच्च दूध, धूपबत्ती,गुड़,घीं,अक्षत,फूल और प्रसाद के लिए मिठाई, सफेद नया कपड़ा ।


बैसाखी के दिन घर परिवार के सभी सदस्य को यथाशक्ति उपवास रखना है

Maa parmeshwari sewa

 













मां परमेश्वरी का खेवा कार्यक्रम ग्राम कुमरदा में

 मां परमेश्वरी का खेवा कार्यक्रम ग्राम कुमरदा में प्रमेन देवांगन के यहां आयोजित है  *देवांगन कुल के देवी मां परमेश्वरी के पीढ़ी पूजा खेवा का...