नाना नाना नाना मैया,नाना नाना नाना वो।
सेवा वो सेवदान मैया,बिनती एक अव दाना वो।
बिनती एक अव दाना मैया२,जन्म लिए कालीराती...
सेवा वो सेवदान माय , बिनती एक अव दाना।
पंइया तोर पदुम है मैंय्या,मुख है कंवला वो।
नई जानो तोर आदि उतपन,नई जानो तोर सेवा वो।
सेवा ला कराहो सेउक राहा था बताओ वो।
भुल है वो भुल है मैया,भुल्ली के चुका संवासा वो।
रंगा तोर महल ले ले कनही, डाहक डमरू बाजै वो।
डाहक डमरू बाजै मैया, कुलदीप दिवना बारे वो।
कुलदीप दिवना बारे मैया,दीवना के पैंया लागय वो।
दीवना के पैंया लागय मैया,परबन बांस उड़ै वो।
गुरे वो धुपेन के मैया, परबन बास उड़ै बो।
दौना वो मड़ौना फूलवा के, परबन बांस उड़ै वो।
पाने वो जसमन फूलवा के, परबन बास उड़ै वो।
परबन बास उड़ै मैया,इंद्र बास न जावय वो।
बड़े संजहा के बेरा में बरजू, आगी अंधना करय वो।
आगी अंधना ला करके बरजु,मांग संवारय वो।
मांगे संवारके बरजू,भीतरी समावय वो।
धाने वो मकोइया के बरजू,भानस पकावय वो।
हरी वो मुंगेन के बरजू,दालन बनावय वो।
भाजी वो भाटा के बरजू,सलना बनावय वो।
लावा वो तितुर के बरजू,सलना बनावय वो।
भूरी भैंस के दूध के बरजू,खोवा भल औंटावय वो।
अत्तीस सालन बत्तीस भोजन,भोजन पकावय वो।
झारी वो लोटा में बरजू,पानी भल निकालय वो।
अपन ससुर ला बरजु, जेये बर बुलावय वो।
अपन सास ला बरजू,जेये बर बुलावय वो।
अपन पति ला बरजू, जेये बर बुलावय वो।
चंदन पीढ़ली ल बरजू,बैठक मढ़ावय वो।
कंचन थारी में बरजू, भोजन परोसय वो।
धाने वो मकोइया के बरजू, भोजन परोसय वो।
हरी वो मुंगेन के बरजू, दालना परोसय वो।
भाजी वो भाटा के बरजू, सलना परोसय वो।
लावा वो तितुर के बरजू, सलना परोसय वो।
भूरी वो भैंस के दूध के, खोवा भर परोसय वो।
अत्तीस सालन,बत्तीस भोजन, भोजन परोसय वो।
अपन ससुर ला बरजू, भोजन परोसय वो।
अपन सास ला बरजू, भोजन परोसय वो।
अपन पति ला बरजू, भोजन परोसय वो।
अपन ससुर ला बरजू,धुक-धुक जेवन जेवावय वो।
अपन सास ला बरजू, धुक-धुक जेवन जेवावय वो।
अपन पति ला बरजू, धुक-धुक जेवन जेवावय वो।
अपन ससुर बर बरजू, पलंग बिछावय वो।
पलंग के ऊपर बरजू,सिजरी बिछावय वो।
तेकर ऊपर बरजू,कारी मोर कमरिया वो।
वही वो पलंग में मैया,पहुड़न मल लागय वो।
लग पुरवाही दक्षिण दिशा के,हुरहुर निंदा आवय वो।
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