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गुरुवार, 21 जुलाई 2022

मां परमेश्वरी के चरन(स्तुति)

 




मां परमेश्वरी के चरण ( स्तुति)


  1. डगर डगर डोकरी के माथे डोलत है मैंय्या डोलत है बत्तीस दांत ओ,डेरा दे डेरा दे मैं समधो बन्धानी कि चार पहर राति रैन ओ,चार पहर रात्रि रैन होत मैंय्या होता बिहान घर जांव ओ।

     

           जा जा ओ जा जा ओ डोकरी मोर घर नइहे डेरा अउ बासा मैया मोर घर दिवरी पतोइया ओ,जा जा डोकरी तै मालिन पारा कि चार पहर राति रैन ओ,चार पहर राति रैन होत बिहान घर जाव ओ।


              दे दे ओ दे दे समधो अरछी अउ परछी,मैया नइ हे ते घोड़ा के घुड़साल ओ,चार पहर रात्रि रैन रहिबो कि मैया होत बिहान घर जांव ओ,एक घड़ी मैया एक पल बेरा मैया दरश दे कंवलापति रानी ओ।






2.बारा बरस होंगे मोंजरा के देखे मैया नई दिखे मोंजरा बरात ओ,छिनिया के आते मोंजरा मोर आगु में कि नजर भर देख लेतेव ओ,गये समय मोंजरा नई मिले बाबा खोजे में नई मिले उधार वो।




3.सोने के सिंहासन तै बैठे कालिका बाबा कुंवर चंवर डोलावे वो,चंवर डोलावत बंहिया थकगे नैन झलके दिन रात वो,दोनों भुजा में कुंवर चंदन खड़ग ले दोनों नैन ढल जाय वो।



4.सेवा करन मैया बिधुन घालवे,मैया मोर सेवा से निझुम राति वो,तोर सेवा मार के दूत पूत जिये कि अमर रहे तोर वाती वो,ऐसे सेवा मार के बाराजो बंधानी मैया चार पहर सारी राती वो।



5.पांव पदुम माय जेठानी बंधानी,मैया नोहसि नोहसि माय जोगिनी वो,इस पर्वत के महामाई वो।एक घड़ी मैया एक पल बेरा मैया दरश दे कंवलापति रानी वो।



6.अरंडा बरंडा के मैया मड़वा छवैले,मैया बांस के बिना डोलावे वो,सहदेव पंडित वेद पढ़ते हैं कि बासुंग के दरबार वो,चले आ वो बहिनी तै करन कुंवारी, बाबा निम्मन होवे तुम्हार वो।


7.चैत मास मैया तेरस दिया,मैया निघमन दिए हैं पायना वो।गंगा जमुना दोई पाट बोहत है कि,कैसे के नाहकौ पार वो,आओ आओ मैं बहिनी महालक्ष्मी मैया मैं हंस कन्या कुंवारी वो।




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