देवांगन जाति के गोत्र के नाम
निम्नांकित गोत्र हमारे देवांगन समाज मुख्य अंश तथा शादी ब्याह का आदान–प्रदान किया जाता है
1. लेंजवार
2. कुमज
3. बाराबुधिया
4. हडा़हू
5. धकेता
6. सोनपरेता / कुकुरपरेता / परेता
7. भेलवा
8. तरार
9. खटकी
10. लिमजा
11. बांगडा़ / बांगर
12. नेवरा
13. बांकुरा
14. कोसरिया / सोनकोसरिया
15. गरकट्टा
16. राजापूज्या
17. निखार
18. ज्ञानकोहरी
19. नन्दनवार / नन्हेवार
20. रेहकवार / रेड़कू
21. गोषा / गोखा
22. बुर्रा / गुर्रा
23. नारायणवंशी
24. नागवंशी / नागरवंशी
25. दुर्गवंशी
26. गुरुवंशी / रघुवंशी
27. पदुमवंशी
28. रुद्रवंशी
29. शुकरवंशी
30. सूर्यवंशी
31. देववंशी
32. वशिष्ठ
33. विश्वामित्र
34. शार्दुल / सांडिल
35. कश्यप
36. गर्ग
37. गौतम
38. देवराज
39. मेघराज
40. गजराज
41. धर्मराज
42. सोनभद्रा
43. सोरता
44. सिंघनी / सिंहनी
45. सिंह
46. सियार
47. सोनयानी / सोनवानी
48. हनुमानवंश
49. कोदरिया
50. कुम्भज
51. कौशिक
52. वाचबंधु
53. अश्विनी कुमार
54. बोकरिया
55. बेसियार
56. बांधा / बाघा / बाधिन
57. ध्रुवे
58. कुंहार / कुंभज / कोहार
59. भुसा
60. यवार / पवारउपगोत्र –
इन 60 गोत्रों के अलावा ये 10 गोत्र है जो *देव के गोत्र-* में है जो गोत्रों का भी उल्लेख देवांगन पुराण में है। वे हैं *------*
-* नागवंशी , बसेरा, कुकुरपरेता, नककट्रटा, बाघसवारी, नन्हेवार, कुल्हाड़ा, साहकार, सदाफल, बघेल, *
*देवांगन जाति के कुछ गोत्रों के समूह को देवगोत्र कहते हैं। ये हैं ------–*
1 बाराबुधिया– ज्ञानकोतरी –नेवरा
2 भेलवा – खटकी – बांगड़ा
3 नारायणवंशी – पदुमवंशी
4 राजापूज्या – बोकरिया
5 लेंजवार – धकेता
6 तरार – हड़ाहू
7 लिमजा – गरकट्टा – नककट्टा
8 बांकुरा – पवार – सोनवानी
9 कोसरिया – सोनकोसरिया – सोनभद्रा
10 सिंह – शार्दूल्य
11 सोरता – कोहार
12 परेता– सोनपरेता – कुकुरपरेता
*इनमे आपस में वैवाहिक संबंध नहीं होते हैं।*